Kailash Chandra Mothia
प. कैलाश चन्द्र मोठिया का जन्म भीलवाड़ा में हूआ। उन्हें सँगीत की प्रेरणा अपनी बड़े भाई श्री जगदीश चन्द्र मोतिया से मिली। उन्होंने सँगीत और वायलिन की शिक्षा वादन सारंगी वादक प. प्रेमराज आर्य और श्री सत्यनारायण व्यास से घ्रणा की। इन्होंने सँगीत में B. Music भी किया।
कैलाश जी आकाशवाणी के प्रथम श्रेंणी कलाकार हैं। उन्होंने मशहूर गायक एम. जी. श्रीकुमार के साथ वायलिन वादन किया। वह 5 साल कुवैत में संगीत शिक्षक रहे। कैलाश जी 23 साल एम जी डी स्कूल में सँगीत शिक्षक रहे।
भारत के विभिन्न शहरों व अन्तरराष्ट्रीय देशो जैसे कुवैत, बहरीन, दुबई आदि में शास्त्रीय संगीत की विभिन्न सभाओं में सोलो वायलिन वादन प्रस्तुत किया।
सन 2011 मे नोकिया प्रतिभा खोज के अंतर्गत कैलाश जी का सिलेक्शन टॉप टेन में हुआ और उन्होंने नोकिया म्यूज़िक अल्बम में काम किया एव इस अल्बम को ग्रेमी अवार्ड के लिए नामांकित भी किया गया। उन्होंने 2012 में श्री म्यूज़िक फेस्टिवल, जयपुर और 2014 सप्तक समारोह अहमदाबाद में देश के वरिष्ठ कलाकारों की श्रेंणी में एकल वायलिन वादन किया।