Jhankriti Jain

झंकृति जैन ने जयपुर घराने के शास्त्रीय कथक नृत्य की विधिवत शिक्षा 8 वर्ष की आयु से आरम्भ की तथा गुरु-शिष्य परम्परा के तहत वरिष्ठ कथक नृत्यगुरु डॉ. शशि साँखला जी के निर्देशन में कथक नृत्य में प्रसिद्ध गांधर्व महाविद्यालय, मुंबई से अलंकार व विशारद पूर्ण किया। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से बैचलर इन पर्फ़ॉर्मिंग आर्ट (कथक) की डिग्री भी उच्च अंकों के साथ उत्तीर्ण की ।

झंकृति ने कई प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में अपने गुरु के मार्गदर्शन में नृत्य प्रस्तुतियाँ दी हैं जिनमें उदय शंकर बैले फ़ेस्टिवल (श्रुति मंडल), महाराणा कुम्भा संगीत समारोह (वेस्ट ज़ोन कल्चरल सेंटर, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), हंगरी सरकार द्वारा प्रायोजित मोमसर उत्सव, राजस्थान दिवस समारोह (पर्यटन एवं कला विभाग, राजस्थान सरकार), तथा कथा बैले (जवाहर कला केंद्र) प्रमुख हैं । झंकृति ने नैशनल फ़ेडरेशन ओफ इंडीयन विमन के 21वे अधिवेशन, अंतर्रष्ट्रीय कला समिट, तथा विख्यात शो ‘सुन मेरे बंधु रे- A Tribute to S.D. Burman’ में एकल प्रस्तुतियाँ भी दी। युवाओं को संस्कृति तथा कला से जोड़ने हेतु झंकृति ने कथक नृत्य में नवाचार का प्रयोग कर आर्ट इन्स्टलेशंज़, थीयटर एवं देश-विदेश के प्रख्यात कलाकारों के साथ अपनी प्रस्तुतियाँ दी है।

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